Entrepreneur Diary
यह हार एक विराम हैजीवन महासंग्राम हैतिल-तिल मिटूँगा पर दया की भीख मैं लूँगा नहींवरदान माँगूँगा नहीं स्मृति सुखद प्रहरों के लिएअपने खंडहरों के लिएयह
यह हार एक विराम हैजीवन महासंग्राम हैतिल-तिल मिटूँगा पर दया की भीख मैं लूँगा नहींवरदान माँगूँगा नहीं स्मृति सुखद प्रहरों के लिएअपने खंडहरों के लिएयह
Long back ago on a starry night, I met a thief, He had an attitude And yes lot of stories Interesting ones, funny ones, But
I counted my years& realized that I haveLess time to live by,Than I have lived so far.I feel like a child who won a pack
मैंने उसको जब-जब देखा लोहा देखा लोहे जैसा तपते देखा गलते देखा ढलते देखा मैंने उसको गोली जैसा चलते देखा ~ केदारनाथ अग्रवाल
जहाँ वर्ग भेद की ज्वाला है, जहाँ मानव भेद की हाला है, जहाँ अपराध भी बाटा जाता है A, B, C के भागो में, जहाँ
धर्म “जो धारण किया जय, वो धर्म होता है। एक कर्म प्रधान व्यक्ति के लिए, कर्म ही उसका धर्म होता है अंतह कर्म ही धर्म
Sometimes five minutes take a year to fill,sometimes a year passes by in five minutes,Some time it happens this way, sometimes another way around!but life
We all are Hitler, we all are Buddha,It is not they are some other,It is just we, who vacillate between one and the other,Is it
वृक्ष हों भले खड़े, हों घने, हों बड़े एक पत्र छाँह भी, मांग मत! मांग मत! मांग मत! अग्निपथ! अग्निपथ! अग्निपथ! तू न थकेगा कभी!
बहुत हुआ इतिहास गान, अब तो करो कुछ कार्य संधान कब तक यू गाते रहोगे, अपने को भरमाते रहोगे ये तो इतिहास है इतिहास ही