Cogito, Ergo Sum

by SHAILESH VICKRAM SINGH

Created by potrace 1.15, written by Peter Selinger 2001-2017

Entrepreneur Diary

यह हार एक विराम हैजीवन महासंग्राम हैतिल-तिल मिटूँगा पर दया की भीख मैं लूँगा नहींवरदान माँगूँगा नहीं स्मृति सुखद प्रहरों के लिएअपने खंडहरों के लिएयह

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My Soul has a Hat

I counted my years& realized that I haveLess time to live by,Than I have lived so far.I feel like a child who won a pack

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The Entrepreneur

मैंने उसको जब-जब देखा लोहा देखा लोहे जैसा तपते देखा गलते देखा ढलते देखा मैंने उसको गोली जैसा चलते देखा ~ केदारनाथ अग्रवाल

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धर्म ऐवम कर्म

धर्म “जो धारण किया जय, वो धर्म होता है। एक कर्म प्रधान व्यक्ति के लिए, कर्म ही उसका धर्म होता है अंतह कर्म ही धर्म

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Sometimes

Sometimes five minutes take a year to fill,sometimes a year passes by in five minutes,Some time it happens this way, sometimes another way around!but life

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इतिहास गान

बहुत हुआ इतिहास गान, अब तो करो कुछ कार्य संधान कब तक यू गाते रहोगे, अपने को भरमाते रहोगे ये तो इतिहास है इतिहास ही

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